कृतज्ञता
ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना सीखो । उस ईश्वर ने आपको जो भी और जितना भी दिया है वो आपके कर्मों के फल के कारण एवं अपनी करुणा से दिया है । ईश्वर के लेन-देन में कभी फर्क न करना अपितु जो भी आपको मिला उसमें फर्क जरूर करना ।
अगर आपके पास पैरों में पहनने को जूते नहीं तो चिन्ता मत करना क्योंकि इस दुनियाँ में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके पास पैर ही नहीं हैं । अगर आपके पास हाथों में पहनने को घड़ी नहीं है तो भी चिन्ता मत करना क्योंकि इस दुनियाँ में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके पास हाथ ही नहीं हैं I
आप दुनियाँ के उन खुशनसीब आदमियों में से हो जिनके पास वो दो हाथ हैं जिनसे सिकन्दर ने दुनियाँ जीती। आपके पास वो दो पैर हैं जिन पैरों पर चलकर कोलंबस ने अमेरिका की खोज की और आपके पास वो दो आँखें हैं जिनसे चक्रवर्ती सम्राट धृतराष्ट्र भी वंचित रह गए थे ।
अगर अब भी आपकी दृष्टि अभाव की तरफ जाती है तो समझ लेना अब आपके पास सब कुछ है, सिवा संतोष के ।