AMPrayer-3
जब आप सुबह उठते है तो फ्रेश होकर नित्यकर्म करने के बाद तीसरी प्रार्थना यह करनी है।
नोट: प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरुॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।
वरदहस्त
मेरे सद्गुरु परमात्मा
सचसँग
मैं तेरा खरब खरब गुणा शुक्रिया अदा करता हूँ कि जो तूँने मुझको और मेरे परिवार के सदस्यों को आज का दिन हमारे आध्यात्मिक और संसारिक जीवन में संतुलित
नज़रियापूर्वक, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ साथ सिमरण करते हुए हम सबके भले, उन्नति, विकास और उच्च मनोबल की प्राप्ति के लिए यानि जिन्दगी में समय और पानी की तरह आगे ही आगे और आगे ही आगे बढ़ने के लिए निम्नलिखित आशीर्वाद दिया। तुझसे विनती करता हूँ किआप अपना
प्रेम-प्रेरणा, हिम्मत-आशा, स्वास्थ्य-शक्ति, सुरक्षा-सहारा, विश्वस्नीय-नियंत्रण, मार्गदर्शक-रहनुमा, राज़ी-ख़ुशी, स्वस्थ-शाक्त, भले-उन्नति, रोज़गार-करेंसी,आमदनी-बैंकबैलेंस, जायदाद-जेवरात, खुशहाल-धनाढ्य, सफल-समृद्ध, विकास-उच्चमनोबल, परिस्थितियाँ-अनुकूल, सुख-सुविधा, सेवा-आनन्द, इन्सानियत-विनम्रता, प्राप्ति-मेन्टेन और सकूँन-शांति आदि आदि का वरदहस्त मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों के सिर पर रख दो। मैं तो बस तेरी चरण शरण हूँ।
यही सब कुछ तुम्हारे आशीर्वाद और हमारे संतुलित नज़रियापूर्वक, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ साथ स्मरण का फल है यानि हमारा भाग्य है। इसके लिए मैं तेरा बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ, बहुत बहुतआभारी हूँ।
नोट: इसके बाद प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरुॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।
‘निमित्त‘
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Thanks very much.