AM Prayer-16
समाधियुक्त नींद
अब रात को खाना खाने और रात्रिकालीन क्रिया से निवृत्त होने के बाद सोते वक़्त हाथ–मुंह धोने के बाद रात्रिकालीन सोलहवीं प्रार्थना यह करनी है।
नोट: प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरुॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।
मेरे सद्गुरु परमात्मा
सचसँग
तेरे रहमों-कर्म और दया-कृपा से मैं सभी वस्तुओं, व्यक्तिओं और विचारों को छोड़कर और दसों दिशाओं से मन को खींचकर तेरा और तेरे स्वरूप का ध्यान करते हुए तेरे दिये नाम ‘सद्गुरु’ का धैर्य, आनन्द और ध्यानपूर्वक तुझसे जुड़ा हुआ हूँ। तुझसे जुड़कर तेरे दिये नाम ‘सद्गुरु’ का धैर्य, आनन्दऔर ध्यानपूर्वक सिमरण करता हूँ। तेरे दिये नाम ‘सद्गुरु’ का सिमरण करते करते तेरे ध्यान में चला जाता हूँ। तेरा ध्यान करते करते समाधि में चला जाता हूँ। फलस्वरूप सारी रात समाधियुक्त नींद में सोया रहता हूँ।
नोट: पहले एक बार मन ही मन ‘सद्गुरु‘ बोलना है फिर सामान्य श्वास लेना है। फिर एक पल (सेकण्ड) रुकना है फिर एक बार मन ही मन ‘सद्गुरु‘ बोलना है फिर सामान्य श्वास छोड़ना है। इस प्रक्रिया को ग्यारह बार दोहराते रहना है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान भ्रुकृटि में रखना है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान भ्रुकृटि में सतरंगी बिंदु पर केन्द्रित करना है। स्मरण करते करते ध्यान लगेगा फिर आप समाधि (mausoleum) में पहुँच जाओगें।
निमित्त
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