AM Prayer-6

AM Prayer-6

 

शरणागत वत्सल

 

जब आप सुबह उठते है तो फ्रेश होकर नित्यकर्म करने के बाद छटवीं प्रार्थना यहकरनी है।

 

नोट: प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरु ॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।

 

मेरे सद्गुरु परमात्मा

 

सचसँग

 

तूँ शरणागत वत्सल है और मैं तेरी शरणागत। एहसास आधारित तेरे शून्यस्वरूप को मैं दण्डवत प्रणाम करता हूँ। शरणागति के सिद्धान्त अनुसार एहसास आधारित मुझे अपने चरणों से उठाकर अपने सीने से लगा लो। मेरे सिर पर अपना वरदहस्त रख दो। अब मेरा तन, इन्द्रियाँ, प्राण, मन और मस्तिष्क के माध्यम से तेरे साथ सम्बन्ध है और तेरा मेरे साथ। तेरे साथ इस सम्बन्ध के नाते तेरी मेरी एक ही बात है। अब मैं शेष जिन्दगी तेरे लिए, तेरे यानि मेरे आध्यात्मिक और संसारिक जीवन के लक्ष्यों को तेरा माध्यम यानि निमित्त बनकर समयसारिणी अनुसार विधि और सफलतापूर्वक एवं सन्तुलित नज़रियापूर्वक साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ साथ स्मरण करते हुए पाने के लिए एवं तेरे दिये कामकाज को शत प्रतिशत क्षमता से एकाग्रतापूर्वक पूरा करने के लिए व्यतीत कर रहा हूँ। मैं तो बस तेरा बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ, बहुत बहुत आभारी हूँ।फलस्वरूप मेरा आज का दिन मेरे बीते कल के अच्छे दिन से बहुत बेहत्तर है। मेरा आने वाला कल मेरे आज के बहुत बेहत्तर दिन से बहुत ज्यादा बढ़िया होगा। यही मेरा तेरे माध्यम यानि निमित्त बनकर समयसारिणी अनुसार विधि और सफलतापूर्वक एवं सन्तुलित नज़रियापूर्वक, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ साथ सिमरण का परिणाम है यानि मेरी किस्मत है। अपनी इस किस्मत से मैं हरपल, हरहाल और हालात में खुश और सन्तुष्ट रहते हुए कालचक्र के वर्त्तमान काल के प्रस्तुत पल में सकूं, शांति और आनन्दपूर्वक जीवन व्यतीत करता रहता हूँ। मैं तो बस तेरी चरण शरण हूँ।

 

नोट: इसके बाद प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरुॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।

 

‘निमित्त’

 

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